पहले इस ब्लॉग को लिखते समय मै इसे सिर्फ एक मजाकिया घटना की तरह पेश करना चाह रहा था ,मगर अचानक नेट पर इस ब्लॉग का कंटेट ढूँढने पर मुझे कुछ बेहद अचम्भित करने वाले फैक्ट पता चले जो कि मैं आगे बताने जा रहा हूँ... घटना बताने से पहले ये साफ करदूँ कि ऐसा कुछ भी खतरनाक नहीं हुआ है इस घटना में,ये सिर्फ मेरे मन की भावनाऐं दर्शाने,एक कंपनी के जालसाजी के तरीकों और दो व्यक्तित्वों के व्यवहार पर लिखा गया ब्लॉग है,और मेने इसे लिखने लायक समझा ताकि मैं जीवन में आगे इस हालात से दुबारा गुजरूँ तो फैसला इसे ध्यान में रखकर लूं...और आप भी ऐसी ललचाती सपने दिखाती योजनाओं के लालच में फंसकर रूपये,समय और जमी-जमाई इज्जत को बर्बाद ना कर दें... घटना कुछ इस प्रकार से है कि पिछले कुछ दिनों से एक नया दोस्त मेरी बड़ी चिन्ता कर रहा था,हाल-चाल पूछ रहा था ,पढाई के बारे में पूछ रहा था,मैने भी इसे सामान्य रूप से लिया(जाहिर है हर कोई यही करता) मैने जो हो सकता था वो जवाब दिया... ऐसी सामान्य बातचीत में बंदा क्यूँ कोई अलग ही दिमाग लगाये,मैने भी नही लगाया... और मुझमें एक कमी है कि मेरा व्यक्तित्व एक मिलनसार व्यक्तित्व नहीँ
This blog is my mind.. It is a collection of my views, my ideas, my perspective.. Here i write my life stories, my observations,my views,my feelings . . . so read and enjoy . . .